गैंगरेप पीड़ित युवती की उजागर करें पहचान: थरूर

दिल्ली (वीरेन्द्र खागटा)केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने गैंगरेप की शिकार युवती को सम्मान देने के लिए उसका नाम उजागर करने की वकालत की है। थरूर ने कहा है कि यदि युवती के माता-पिता को कोई ऐतराज नहीं हो तो उसका नाम उजागर किया जाना चाहिए।

हालांकि मंगलवार शाम ट्विटर पर उनकी इस टिप्पणी के बाद इसके समर्थन और विरोध में जोरदार बहस छिड़ गई। भाजपा ने थरूर के बयान की आलोचना की है तो कांग्रेस ने इसे उनकी निजी राय करार देकर पल्ला झाड़ लिया है।

मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थरूर ने अपने ट्वीट में हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि युवती का नाम छिपाए रखने में आखिर क्या हित है। यदि युवती के माता-पिता को ऐतराज न हो तो उसका नाम और पहचान उजागर की जानी चाहिए, ताकि उसे सम्मान दिया जा सके। दुष्कर्म से जुड़े संशोधित कानून का नाम उसके नाम पर रखा जाना चाहिए। वह एक इनसान थी, जिसका एक नाम था, न कि सिर्फ एक सिंबल।

मालूम हो कि युवती की पहचान उजागर करने पर दिल्ली पुलिस ने दो अंग्रेजी दैनिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चित रहे थरूर की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया में नई बहस शुरू हो गई है।

कई लोगों ने कहा कि वे थरूर की बात से इत्तफाक रखते हैं कि युवती देश के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन गई है और उसे उसके असली नाम से सम्मानित किया जाना चाहिए, जबकि कई लोग इससे असहमत दिखे। वहीं भाजपा का कहना है कि केंद्रीय मंत्री को ऐसी बात करना शोभा नहीं देता। हम इसकी निंदा करते हैं। युवती और उसके परिवार की निजता का ख्याल रखा जाना चाहिए।

क्या कहता है कानून
कानून के मुताबिक गैंगरेप पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं किया जा सकता है। उसके नाम या पहचान से जुड़ी कोई सामग्री प्रकाशित नहीं की जा सकती है। इसका उल्लंघन करना आईपीसी की धारा 228-ए के तहत एक अपराध है।

मैं थरूर के समर्थन में हूं। युवती के नाम पर कानून का नामकरण किया जाना चाहिए। अमेरिका में ऐसा हो चुका है, वहां ब्रैडी, मेगन, जेसिका, कार्ली कानून है।–किरण बेदी, पूर्व आईपीएस अफसर

बिटिया के नाम पर स्कूल
बहादुर बिटिया को सम्मान देने के लिए उसके गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल का नाम उसके नाम पर रखा जाएगा। बलिया जिले में उसके गांव के प्रधान ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इस बारे में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए जल्द ही पंचायत बुलाई जाएगी। वहीं, युवती का एक स्मारक बनाने और गांव में हो रहे विकास कार्यों का नामकरण भी उसके नाम पर करने की मांग गांव वालों की तरफ से उठ रही है।

अस्थियां गंगा में प्रवाहित, उमड़ा जनसैलाब
युवती के परिजनों ने उसकी अस्थियां मंगलवार को बलिया के भरौली घाट पर गंगा में प्रवाहित कर दीं। बहादुर बिटिया को अंतिम विदाई देने महिलाओं और बच्चों समेत सैकड़ों लोगों की भीड़ घाट पर जुटी थी। दिल्ली से अस्थियां लेकर परिवार के लोग सोमवार देर शाम गांव पहुंचे थे। उसे श्रद्धांजलि देने उमड़ रही भीड़ का आलम यह था कि परिवार को घर से घाट तक की आठ किमी की दूरी तय करने में तीन घंटे का समय लग गया।

दिल्ली से मेघालय तक प्रदर्शन
गैंगरेप की शिकार युवती की मौत के बाद उसे इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष जारी है। मंगलवार को भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी दिल्ली में जंतर मंतर पर जुटे। अनशन कर रहे कई लोग भी डटे हुए हैं। दिल्ली के अलावा कई अन्य शहरों में प्रदर्शन हुए और कैंडल मार्च भी निकाले गए।

वहीं, युवती को श्रद्धांजलि देने कि लिए मेघालय के शिलांग में 28 लोगों और बच्चों ने बर्फ से ठंडे पानी में डुबकी लगाई। पहले से शून्य से नीचे तापमान वाले पानी को और ठंडा करने के लिए स्विमिंग पूल में बर्फ की 40 सिल्लियां डाली गई थीं।

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